SIMPLE LED DISCO LIGHT
इस प्रोजेक्ट में चार-चार LEDs के समूह क्रमानुसार ग्लो होते
हैं यानि एक समूह ग्लो तो दूसरा समूह ऑफ होता है और
कुछ क्षण बाद जब दूसरा समूह ऑन होता है तो पहला समूह
ऑफ हो जाता है यह सर्किट 6V से 12V तक की सप्लाई पर कार्य करता है
हैं यानि एक समूह ग्लो तो दूसरा समूह ऑफ होता है और
कुछ क्षण बाद जब दूसरा समूह ऑन होता है तो पहला समूह
ऑफ हो जाता है यह सर्किट 6V से 12V तक की सप्लाई पर कार्य करता है
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Diagram |
- इस बहुत ही आसान सर्किट में केवल दो ट्रांजिस्टरों का प्रयोग
किया गया है दोनों ट्रांजिस्टरों बाई-स्टेबल मल्टीवाइब्रेटर मोड में
लगाये गये हैं इस सर्किट में जब एक ट्रांजिस्टर के कलेक्टर से
हाई सिगनल आउट होता है, तब दूसरे ट्रांजिस्टर के कलेक्टर से
लो सिगनल आउट होता है जिस ट्रांजिस्टर के कलेक्टर का
सिगनल लो होता है, उस ट्रांजिस्टर के कलेक्टर से लगी LEDs का
समूह ग्लो हो जाता है जिस ट्रांजिस्टर का सिगनल हाई होता है,
उसके कलेक्टर से लगी LEDs ऑफ रहती हैं किसी ट्रांजिस्टरा
के कलेक्टर से आउट होने वाले सिगनल में होने वाले परिवर्तन की
दर, उसके कलेक्टर से लगे कैपेसिटर की वैल्यू पर निर्भर करती
है इस प्रकार दोनों टांजिस्टर के कलेक्टरों से लगे कैपेसिटर की
वैल्यू बदल कर LEDs के ऑन/ऑफ की दर को बदला जा सकता
है जब कैपेसिटर की वैल्यू कम होती है तो LEDs के चमकने की
दर तेज हो जाती है तथा जब वैल्यू अधिक होती है तो यह दर कम
हो जाती है सामान्यताः दोनों कैपेसिटर एक समान वैल्यू के लगाये
जाते हैं, लेकिन यदि यहाँ असमान वैल्यू के कैपेसिटर लगा दिये
जायें तो कम वैल्यू के कैपेसिटर की ओर लगी LEDs का ऑन-टाइम कम
किया गया है दोनों ट्रांजिस्टरों बाई-स्टेबल मल्टीवाइब्रेटर मोड में
लगाये गये हैं इस सर्किट में जब एक ट्रांजिस्टर के कलेक्टर से
हाई सिगनल आउट होता है, तब दूसरे ट्रांजिस्टर के कलेक्टर से
लो सिगनल आउट होता है जिस ट्रांजिस्टर के कलेक्टर का
सिगनल लो होता है, उस ट्रांजिस्टर के कलेक्टर से लगी LEDs का
समूह ग्लो हो जाता है जिस ट्रांजिस्टर का सिगनल हाई होता है,
उसके कलेक्टर से लगी LEDs ऑफ रहती हैं किसी ट्रांजिस्टरा
के कलेक्टर से आउट होने वाले सिगनल में होने वाले परिवर्तन की
दर, उसके कलेक्टर से लगे कैपेसिटर की वैल्यू पर निर्भर करती
है इस प्रकार दोनों टांजिस्टर के कलेक्टरों से लगे कैपेसिटर की
वैल्यू बदल कर LEDs के ऑन/ऑफ की दर को बदला जा सकता
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है जब कैपेसिटर की वैल्यू कम होती है तो LEDs के चमकने की
दर तेज हो जाती है तथा जब वैल्यू अधिक होती है तो यह दर कम
हो जाती है सामान्यताः दोनों कैपेसिटर एक समान वैल्यू के लगाये
जाते हैं, लेकिन यदि यहाँ असमान वैल्यू के कैपेसिटर लगा दिये
जायें तो कम वैल्यू के कैपेसिटर की ओर लगी LEDs का ऑन-टाइम कम
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