Which light used in Highway and Street hindi? - technicalproblem(india)

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गुरुवार, 8 सितंबर 2022

Which light used in Highway and Street hindi?


 Which light used in Highway and Street hindi?

सड़क पर उपयोग होने वाली लाइट का नाम







रोड पर जो लाइटें लगी हुई होती है सबसे पहले हम स्ट्रीट लाइट की 

भी हम बात करते हैं देखिये स्ट्रीट लाइट जो हाइवे पर लगी हुई होती 

है वो कई प्रकार के लाइट होती है उसमें जो तीन प्रकार की हमारी 

लाइट होती है, पहली होती है, हमारी एचपीएस वि लाइट होती है

दूसरी होती है एलपीएस वी लाइट होती है और तीसरी होती है हमारी 

एच पी एम वी लाइट होती है ये तीन प्रकार के लाइटें यूज़ होती हैं 

अब इनका अलग अलग वर्क होता है देखिये जो हमारी एचपीएस भी 

है, इसका फुल फॉर्म होता है हाई प्रेशर सोडियम वेपर लैंप ठीक है 

इसमें हाइ प्रेशर सोडियम वेपर लैंप है ये और ये एल पी एस बी का 

मतलब होता है लो प्रेशर सोडियम वेपर लैंप ठीक है तीसरा जो

 

hpsv and hpmv lamps
hpsv and hpmv lamps
हमारा होता है इसका वो मतलब होता है कि हाई प्रेशर मर्करी वेपर लैंप इसमें जो लाइट होती है या पीली लाइट आप देखते होंगे जब 

पीली लाइट आपको हाइवे पर दिखे तो वो हमारी सोडियम वेपर लैंप 

है ठीक है मतलब वो लो प्रेशर या हाइ प्रेशर दोनों में से एक हो 

सकता है और वह पीले कलर का हमारी लाइट होगी और जो हमारी

एचपीएम भी लाइट है या हमारी इसकी रौशनी होती होगा सफेद 

होती है क्योंकि इसमें मर्करी का यूज़ किया जाता है इसीलिए इसकी 

लाइट जो होती है वो सफेद कलर की होती है तो यदि आपको हाइवे 

पर सफेद कलर की रौशनी दिखे तो आप समझ जाएंगे कि इसमें 

मर्करी वेपर लैंप हैं और यदि उस हाइवे पर आपको यदि पीले कलर 

की रौशनी समझ में आए दिखे तो आप समझ जाएंगे कि सोडियम 

वेपर लैंप हैं तो आपके मन में यह सवाल रहा होगा कि हाइवे पर 

यह दो प्रकार की लाइटिंग क्यों यूज़ की जाती है? हम किसी एक 

लाइट को की तो यूज़ कर सकते हैं तो देखिये क्या है कि जो पीली 

लाइटें हमारी होती है इनमें खासियत यह होती है कि जहाँ पर फॉग 

होता है वहाँ पर इन लाइटों का यूज़ किया जाता है ज्यादातर क्योंकि 

इसमें विजिबिलिटी अच्छी होती है जैसे यहाँ पर कोहरा ज्यादा पड़ता 

है या पहाड़ी एरिया होता है, वहाँ पर कोहरा ज्यादा पड़ता है तो वहाँ 

पर क्या होता है? की विजिबिलिटी बहुत कम हो जाती है फॉग की 

वजह से तो वहाँ पर स्लाइड का यूज़ करके हम विजिबिलिटी को 

बिल्डप कर लेते है विजिबिलिटी अच्छी हो जाती है इससे लोगों को 

ट्रैवल करने में आसानी हो जाती है लेकिन आज कल क्या है? की ये लाइटें कम चलन


 LED Street Light एलईडी स्ट्रीट लाइट


LED Street Light
 LED Street Light

में हैं अब एलईडी लाइटों का ही चलन हो गया है अधिकतर लेकिन 

इन लाइटों की भी अपनी एक अलग जगह है ये लाइटिंग क्या है कि 

यहाँ पर फौजी मौसम होता है फॉगी एक चीज़ होती है, एरिया होता है 

वहाँ पर ये लाइटें ज्यादातर यूज़ की जाती है एलईडी लाइट है तो 

लगभग हर जगह पे यूज़ की जाती है लेकिन एलईडी लाइट जो है वो 

फॉग मौसम में अच्छे से वर्क नहीं करती है लेकिन ये जो हमारी होती 

है जो वेपर लैंप होता है वो अच्छे से वर्क करता है तो एक तो बात ये 

हो गई अब इसमें भी कई प्रकार से होती है लाइट इसमें भी कहीं 

कहीं पर एलडीआर का यूज़ करके इन लाइटों को जलाया जाता है 

एलडीआर जो होता है लाइट डिपेन्डेन्ट रेजिस्टेंस इसको हम बोलते है 

या एक से ऐसा टाइप में होता है, इसमें आप देखते होंगे जैसा कि 

आप स्क्रीन पर देख रहे हैं यहाँ एक एलडीआर है इसमें क्या होता है 

कि इसमें इस तरह से यह लाइट को जो है, सेल्स करता है और 

इसकी जो जब इसमें लाइट पड़ती है तो इसका रेजिस्टेंस आप डाउन 

हो करके जो सप्लाइ है उसको कंट्रोल कर लेता है तो यहाँ पर 

ऑटोमैटिक आप देखते होंगे लाइटें अपने आप रात में जल जाती है

दिन में बंद हो जाती है तो वहाँ पर सिंपल सी बात है की वहाँ पर

एलडीआर का यूज़ किया गया है वो एलडीआर क्या करता है

ऑटोमैटिक लाइट क्वेश्चन्स करके सप्लाई को बंद कर देता है और 

चालू कर देता है तो एक तो ये बात हो गयी ये जो हमारी स्ट्रीट लाइटें 

यूज़ होती है वो होगई अब आप देखते होंगे की जो हमारी हाइवे होता 

है उसके किनारे किनारे पर इस तरह से लाइटें लगी होती है तो वो 

लाइट है कौन कौन सी होती है देखिये वो लाइट है जो हमारी होती है 

वो दो प्रकार की वहाँ पर लाइटें यूज़ की जाती है अब इसमें जो पहली 


 Road Stud  रेडियम बेस स्टरलाइट 

road stud white
road stud white

road stud in hindi

होती है हमारी वो होती है रेडियम बेस स्टरलाइट होती है इसमें क्या 

होता है कि जैसा कि आप इस स्क्रीन पर दिख रहा है, ये हमारी 

रेडियम बेल्ट बेस्ट लाइट है इसमें क्या है कि आप देख रहे होंगे इस 

तरह से ये लाइट है हमारी और यहाँ पर आप देख रहे होंगे एक कांच 

की तरह यहाँ पर लगा हुआ है एक कांच की तरह यहाँ पर लगा हुआ 

है इनमे क्या होता है की रेडियम का यूज़ किया जाता है अब यहाँ पर क्या है की जैसे बाइक ले करके या कार ले करके दिया पा रहे है तो 

ये इसकी जो लाइट है वो इस पर पड़ेगी तो यहाँ पर रेडियम लगा होने 

के कारण से यह लाइट जो है रिफ्लेक्ट हो जाएगी और आपको समझ में जाएगा कि यह जो है यहाँ पर ये लाइट


लगी हुई है तो यह बेस्ट हमारी लाइट होती है जो कि रेडियम बेस 

होती है इसको हम पैसिव लाइट भी पैसिव स्टैंड लाइट भी बोलते है 

इसमें किसी प्रकार का कोई भी केबल या सप्लाइ का यूज़ नहीं किया 

जाता है किसी प्रकार की कोई भी सप्लाई नहीं होती बस इसमें क्या 

होता है? रिफ्लेक्शन का काम लिया जाता है कि जैसे ही लाइट इसके 

ऊपर पड़ती है या लाइट को रिफ्लेक्ट कर देता है, उससे हम चमक 

उत्पन्न होती है उससे हम जान जाते हैं कि यहाँ पर या तो ये क्या होता 

है किनारे किनारे पर इस तरह से लगा होता है वो क्या होता है की 

जैसे की लाइट पड़ने पर आदमी एकदम रात में अंधेरे में जा रहा है 

तो वहाँ पर मान लीजिए लाइट नहीं है तो यह डिवाइस ये लाइटें लग 

करके यह पता देती है कि ये इसके आगे हमारा जमीन हो जाएगा 

इसके नीचे जमीन हो जाएगी यह बीज का हिस्सा जो हमारा रोड का 

हिसाब तो या इंडिकेट करने के लिए होता है कि आप इसके नीचें 

आजायें इसके नीचें आजायें बीच में ही आप गाड़ी को चलाएं और 

यहाँ पर जो बीच में दो लाइटें लगी इस तरह से लगा दिया जाता है वो 

क्या होता है की ये इधर के ट्रैफिक के लिए इधर के ट्रैफिक के लिए 

है तो यह इस तरह इन लाइटों का यूज़ किया था तो

एक तो लाइट हमारी ये हो जाती है रेडियम बेस स्टरलाइट होती है 

इसमें किसी प्रकार का कोई भी सप्लाइ का यूज़ नहीं किया जाता है 

और दूसरी जो हमारी लाइट होती है वो 


solar road studs ऐक्टिव टाइप स्टरलाइट

solar-road-stud
solar-road-stud


ऐक्टिव टाइप स्टरलाइट होती 

है इसमें क्या होता है? इसमें एक अलग प्रकार से व्यवस्था की जाती है 

जैसा कि या हमारी लाइट होती है यहाँ पर आप देख रहे होंगे स्क्रीन 

पर यहाँ पर क्या होता है कि इस तरह से देखें एलईडी लगी हुई है 

हमारी और इसके ऊपर वाले हिस्से पर यहाँ पर सोलर पैनल लगा 

हुआ है अब ये क्या होता है कि सोलर पैनल और इसके अंदर कई 

चीजें लगी होती है सोलर पैनल उसके साथ एक सेल लगा हुआ होता 

है और इसके नीचे एक एलडीआर लगा होता है अब दिन के समय 

में जब सूरज की रौशनी होती है तो क्या होता है? यह सोलर पैनल 

जो होता है वह एनर्जी को स्टोर करता है कि इसमें ये जो हमारे सेल 

लगे होते हैं उसमें या रीचार्जेबल सेल होते हैं इनमें या इलेक्ट्रिसिटी 

को जो डीसी सप्लाई होती है उसको स्टोर कर लेता है और स्टोर 

करके पूरे दिन भर किसी प्रकार से लाइट को ऐक्टिव नहीं करता है 

जलाता नहीं है क्यों? क्योंकि इसके अंदर जो है


LDR Light dependent resistors

LDR
LDR


एलडीआर लगा हुआ 

है या सेल्स करता है कि इस समय सूरज की रौशनी है

पर्याप्त मात्रा में इसमें रौशनी है तो इसलिए इस समय वह लाइट को 

ऐक्टिव नहीं करता है लाइट को जलाता नहीं है, लेकिन जैसे ही रात 

होती है, अंधेरा होता है तो यह एलडीआर साइनस कर लेता है की 

अब अंधेरा हो गया है तो अब क्या करता है कि इसमें जो मैं जो स्टोर 

एनर्जी होती है, जो दिन भर में जो डी सी स्टोर होते हैं यहाँ पर वह 

इन एलईडी लाइटों को दे देता है और यह एलईडी लाइट है, हमारे 

जलने लगती है तो जब भी आप दो हाईवे पर जाये और आप देखिये 

की एलईडी लाइटें यदि इसके ऊपर चल रही है तो इसका मतलब 

यह नहीं है कि रोड के नीचे से केवल ले जा करके इसमें सप्लाई दी 

गई है उसके ऊपर सोलर पैनल हमारा लगा हुआ होता है वहाँ 

सोलर पैनल क्या करता है? इलेक्ट्रिसिटी को स्टोर करता है कि 

इसमें सेल में और उसमें जो एलडीआर लगा होता है वो लाइट को 

कर के दिन और रात को सेंस करके वो लाइट को जलाता है इसमें 

क्या होता है कि रोड के बीच में आप इस तरह से लोग गड्ढा मतलब 

जहाँ पर लगाया जाता है? वहाँ पर गड्ढा कर दिया था इसके बीच में 

देखिये एक रॉड लगी हुई है उस रॉड को इसके अंदर डाल करके 

और इसमें कुछ केमिकल डाल करके इसको फिक्स कर दिया जाता है रोड के बीच यहाँ

पर भी हमें लगाना होता है वहाँ पर इसको फिक्स कर दिया तो फिर 

ये निकलता नहीं है तो आज के इस article हमने जाना की जो हाइवे 

पर लाइटें यूज़ होती है वो दो प्रकार की लाइट यूज़ होती है एक 

हमारी स्ट्रीट लाइट होती है जो कि हाई प्रेशर, सोडियम में लो प्रेशर 

सोडियम में पलायम इसमें पीली कलर की रौशनी होती है और 

हाईप्रेशर मर्करी वेपर लैंप होता है इसमें सफेद प्रकार की रौशनी 

होती यूज़ होती हैं जो हमारी पीली रौशनी होती है वह लॉग जहाँ पर 

होता है वहाँ पर इस लाइट का हम यूज़ करते हैं और नोर्मल्ली सभी 

जगह पर एलईडी लाइटों का ही यूज़ होता है उसके बाद जो हमारा 

दूसरी लाइट होती है जो हाइवे की जमीन पर लगी होती है और रोड 

पर लगी हुई होती है वह डिवाइडर को बताती हैं कि कहाँ पर रोड 

खत्म हो रहा है, उस लाइट को यूज़ किया जाता है, उसमें दो प्रकार 

के लाइट होती है, पहली होती है रेडियम बेस हुआ क्या करती है

इसमें किसी प्रकार का कोई भी सप्लाइ के यूज़ नहीं किया जाता है 

वो रिफ्लेक्शन पर काम करती है और दूसरी हमारी होती है ऐक्टिव 

टाइप जो हमारी लाइट होती है उसमें सोलर पैनल का यूज़ करके 

जोड़ी सप्लाई बनती है उससे उस में यूज़ करके दूर करके हम रात 

में उस लाइट को चलाते हैं तो मुझे उम्मीद है article जानकारी प्राप्त हो गए

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