विविध प्रकार के मल्टीमीटर और उनकी जानकारी
विघुत
सम्बन्धित कार्य करने के लिए कई प्रकार के मीटर्स
का प्रयोग किया जाता है ये मीटर्स विद्यत का दबाव,विद्युत
धारा और अवरोध नापने के काम आते हैं इनका प्रयोग
पृथक-रूप से भी किया जाता है और ये तीनों मीटर्स एक
संयुक्त रूप में भी प्रयोग किये जाते हैं इसे मल्टीमीटर
कहते है यहाँ हम इन सभी प्रकार को मीटर्स का अध्ययन
करेंगे
का प्रयोग किया जाता है ये मीटर्स विद्यत का दबाव,विद्युत
धारा और अवरोध नापने के काम आते हैं इनका प्रयोग
पृथक-रूप से भी किया जाता है और ये तीनों मीटर्स एक
संयुक्त रूप में भी प्रयोग किये जाते हैं इसे मल्टीमीटर
कहते है यहाँ हम इन सभी प्रकार को मीटर्स का अध्ययन
करेंगे
वोल्टमीटर
![]() |
वोल्टेज मीटर |
यह मीटर विद्युत का दबाव (वोल्ट) नापने के लिए प्रयोग
किया जाता है वोल्टमीटर को हमेशा लोड के पैरेलल में
लगाते है वोल्टमीटर विभिन्न वोल्टेज-रेन्ज में उपलब्ध है
इनकी इस रेन्ज के अनुसार ही इनका डायल बनाया गया
होता है किसी वोल्टमीटर की रेन्ज को डायल पर देखा जा
सकता है कुछ वोल्टमीटर, लो-वोल्टेज को नापने के लिए
प्रयोग किये जाते हैं जबकि कुछ मीटर हाई वोल्टेज को नापने
के लिए प्रयोग किये जाते हैं इस प्रकार, वोल्टमीटर का
प्रयोग करते समय उस उपकरण में वोल्टेज के अधिकतम
मान की जानकारी होना बहुत आवश्यक होता है क्योंकि कम
रेन्ज के वोल्टमीटर को अधिक वोल्टेज के साथ प्रयोग करने
पर वह जल जाता है और अधिक रेन्ज का वोल्टमीटर, कम
वोल्टेज के साथ प्रयोग करने पर मान पढने में कठिनाई आती
है AC और DC वोल्टेज नापने के लिए अलग-२ प्रकार के
वोल्टमीटर प्रयोग किये जाते हैं
किया जाता है वोल्टमीटर को हमेशा लोड के पैरेलल में
लगाते है वोल्टमीटर विभिन्न वोल्टेज-रेन्ज में उपलब्ध है
इनकी इस रेन्ज के अनुसार ही इनका डायल बनाया गया
होता है किसी वोल्टमीटर की रेन्ज को डायल पर देखा जा
सकता है कुछ वोल्टमीटर, लो-वोल्टेज को नापने के लिए
प्रयोग किये जाते हैं जबकि कुछ मीटर हाई वोल्टेज को नापने
के लिए प्रयोग किये जाते हैं इस प्रकार, वोल्टमीटर का
प्रयोग करते समय उस उपकरण में वोल्टेज के अधिकतम
मान की जानकारी होना बहुत आवश्यक होता है क्योंकि कम
रेन्ज के वोल्टमीटर को अधिक वोल्टेज के साथ प्रयोग करने
पर वह जल जाता है और अधिक रेन्ज का वोल्टमीटर, कम
वोल्टेज के साथ प्रयोग करने पर मान पढने में कठिनाई आती
है AC और DC वोल्टेज नापने के लिए अलग-२ प्रकार के
वोल्टमीटर प्रयोग किये जाते हैं
एम्पीयर मीटर (अमीटर)
इस मीटर के द्वारा किसी सर्किट में बहने वाली करेन्ट
(विद्युत धारा) को नापा जाता है एम्पीयर मीटर को लोड की
सीरीज में लगाया जाता है ये मीटर्स भी विभिन्न रेन्ज में
उपलब्ध हैं किसी सर्किट में करेन्ट नापते समय सर्किट के
करेन्ट के अनुमान के अनुसार उचित रेन्ज के एमीटर का
प्रयोग करना चाहियें अन्यथा मीटर जल जाता है
इलेक्ट्रॉनिक्स में अपेक्षाकृत कम रेन्ज के एम्पीयर मीटर प्रयोग
किये जाते हैं जबकि विद्युत सम्बन्धित कार्यो के लिए
अधिकतम 15 एम्पीयर तक के एम्पीयर मीटर प्रयोग किये
जाते हैं AC और DC करेन्ट नापने के लिए अलग-2 मीटर्स
का प्रयोग किया जाता है
(विद्युत धारा) को नापा जाता है एम्पीयर मीटर को लोड की
सीरीज में लगाया जाता है ये मीटर्स भी विभिन्न रेन्ज में
उपलब्ध हैं किसी सर्किट में करेन्ट नापते समय सर्किट के
करेन्ट के अनुमान के अनुसार उचित रेन्ज के एमीटर का
प्रयोग करना चाहियें अन्यथा मीटर जल जाता है
इलेक्ट्रॉनिक्स में अपेक्षाकृत कम रेन्ज के एम्पीयर मीटर प्रयोग
किये जाते हैं जबकि विद्युत सम्बन्धित कार्यो के लिए
अधिकतम 15 एम्पीयर तक के एम्पीयर मीटर प्रयोग किये
जाते हैं AC और DC करेन्ट नापने के लिए अलग-2 मीटर्स
का प्रयोग किया जाता है
अवरोध मीटर (रेजिस्टेन्स मीटर)
यह मीटर अवरोध नापने के लिए प्रयोग किया जाता है इसके
अलावा, इसका प्रयोग किसी तार या पुर्जे की कन्टीन्यूटी चैक
करने के लिए भी किया जाता है कन्टीन्यूटी चैक करने के
लिए अवरोध मीटर को तार के एकोस अर्थात दोनो सिरों पर
लगाते हैं सर्किट में लगी किसी रेजिस्टेन्स का मान ज्ञात करने
के लिए यह बहुत आवश्यक है कि सर्किट को सप्लाई नही दी गई हो
अलावा, इसका प्रयोग किसी तार या पुर्जे की कन्टीन्यूटी चैक
करने के लिए भी किया जाता है कन्टीन्यूटी चैक करने के
लिए अवरोध मीटर को तार के एकोस अर्थात दोनो सिरों पर
लगाते हैं सर्किट में लगी किसी रेजिस्टेन्स का मान ज्ञात करने
के लिए यह बहुत आवश्यक है कि सर्किट को सप्लाई नही दी गई हो
जिस एक मीटर के द्वारा AC/DC वोल्टेज, DC करेन्ट और
रेजिस्टेन्स को नापा जा सकता है, उसे मल्टीमीटर कहते हैं
इसकेअलावा इस मीटर से विभिन्न इलेक्ट्रोनिक व इलेक्ट्रिक
पुर्जो की जाँच, विभिन्न प्रकार के टेस्ट जैसे- कन्टीन्यूटी टेस्ट
तथा क्लिक टेस्ट आदि भी किये जा सकते हैं इस प्रकार यह
मल्टीमीटर इलेक्ट्रोनिक और इलेक्ट्रिकल, दोनो क्षेत्रों में
समान रूप से उपयोगी होता है
मल्टीमीटर सान्वा P-3 एक पॉपुलर मल्टीमीटर है इस
मीटर में विभिन्न रेन्ज्स के लिए अलग-२ प्लग बने हुए होते हैं
इन प्लग्स में आवश्यकतानुसार पिन लगाकर मल्टीमीटर को
प्रयोग में लाया जाता है इन प्लग्स और पिन के कारण ही
इस मल्टीमीटर को पिन-प्लग टाइप मल्टीमीटर भी कहते हैं
यह एक प्रचलित मल्टीमीटर हैक्योंकि इसका उपयोग सरल
व सुविधाजनक होता है इस मल्टीमीटर का बाह्य आकार
चित्र में दिखाया गया है
उपयोग में लेने की विधि
मल्टीमीटर सान्वा P-3 में नीचे की तरफ बांयी ओर एक प्लग
होता है, जिसके ऊपर - Ω∞ (माइनस,ओहा, A/C)का चिन्ह
बना होता है यह मीटर का कॉमन प्लग है इस प्लग में
मीटर के किसी भी उपयोग के लिए, हमेशा काली प्रोब
(Probe) या लीड (Lead) लगाते है कॉमन प्लग के ठीक
ऊपर एक घुण्डी (Knobe) लगी है इस घुण्डी के ऊपर 0Ω
ADJ लिखा हुआ है यह 0Ω एडजेस्टर नोव कहलाती है
इसके द्वारा रेजिस्टेन्स (अवरोघ) नापते समय मीटर की सूई
को स्केल के दांयी और बनी शुन्य (0) पर एडजेस्ट किया
जाता है इस मीटर में डायल के ठीक नीचे की तरफ एक स्क्रू
(पेज) लगा हुआ है इस पेच को घुमाकर मीटर की सुई को
डायल पर बनी बांयी की ओर शुन्य (0) पर एडजेस्ट करते हैं
मीटर के किसी भी उपयोग के लिए मीटर की सुई को इस
पेच के द्वारा बांयी ओर की शुन्य पर अवश्य एडजेस्ट कर
लेना चाहियें अन्यथा प्राप्त होने वाला मान (Reading) सही
नही होगा इस पेच को अधिक नहीं घुमाना चाहियें अन्यथा
मीटर की मूविंग क्वाइल का बैलेन्स खराब हो सकता है!
मल्टीमीटर सान्वा P-3 को विभिन्न उपयोगों के लिए प्रयोग में
लाने की विधि निम्न प्रकार है
होता है, जिसके ऊपर - Ω∞ (माइनस,ओहा, A/C)का चिन्ह
बना होता है यह मीटर का कॉमन प्लग है इस प्लग में
मीटर के किसी भी उपयोग के लिए, हमेशा काली प्रोब
(Probe) या लीड (Lead) लगाते है कॉमन प्लग के ठीक
ऊपर एक घुण्डी (Knobe) लगी है इस घुण्डी के ऊपर 0Ω
ADJ लिखा हुआ है यह 0Ω एडजेस्टर नोव कहलाती है
इसके द्वारा रेजिस्टेन्स (अवरोघ) नापते समय मीटर की सूई
को स्केल के दांयी और बनी शुन्य (0) पर एडजेस्ट किया
जाता है इस मीटर में डायल के ठीक नीचे की तरफ एक स्क्रू
(पेज) लगा हुआ है इस पेच को घुमाकर मीटर की सुई को
डायल पर बनी बांयी की ओर शुन्य (0) पर एडजेस्ट करते हैं
मीटर के किसी भी उपयोग के लिए मीटर की सुई को इस
पेच के द्वारा बांयी ओर की शुन्य पर अवश्य एडजेस्ट कर
लेना चाहियें अन्यथा प्राप्त होने वाला मान (Reading) सही
नही होगा इस पेच को अधिक नहीं घुमाना चाहियें अन्यथा
मीटर की मूविंग क्वाइल का बैलेन्स खराब हो सकता है!
मल्टीमीटर सान्वा P-3 को विभिन्न उपयोगों के लिए प्रयोग में
लाने की विधि निम्न प्रकार है
मल्टीमीटर सान्वा P-3 से रेजिस्टेन्स का मान ज्ञात करना
इस मल्टीमीटर में रेजिस्टेन्स (अवरोध) नापने के लिए दो
रेन्ज दी हुई है ये रेन्ज क्रमश: 10K तथा 1MΩ की रेन्ज है,
जो मीटर मे कॉमन प्लग के पास, ऊपर-नीचे बनी हुई है
रेन्ज दी हुई है ये रेन्ज क्रमश: 10K तथा 1MΩ की रेन्ज है,
जो मीटर मे कॉमन प्लग के पास, ऊपर-नीचे बनी हुई है
1 मेगा ओहा की रेन्ज में अवरोध का मान नापने के लिए
काली प्रोब (Probe) को कॉमन प्लग में लगाते हैं तथा लाल
प्रोब को 1MΩ के प्लग में लगाते हैं अब सर्वप्रथम मीटर की
सुई को दांयी ओर की शुन्य पर एडजेस्ट करना आवश्यक
है इसके लिए दोनो प्रोब्स के बडी पिनों वाले सिरों को
आपस में मिलाते हैं इनके मिलाते ही मीटर की सुई दांयी
ओर आ जाती है अब 0Ω ADJ नोब (Knobe) के द्वारा सुई
को दांयी ओर की शुन्य पर एडजेस्ट कर लेते हैं
1Ωमेगा ओहा की रेन्ज में किसी अवरोध का मान नापते समय
मीटर के डायल पर बना सबसे ऊपर वाला स्केल काम में
लेते हैं इस स्केल को दांयी ओर से बांयी ओर पढते हैं इस
स्केल में प्रत्येक छोटे खाने का मान आगे दी गई सारणी के
अनुसार होता है
10KΩ की रेन्ज में किसी अवरोध का मान नापते समय
मीटर की काली प्रोब को तो कॉमन प्लग में
ही जगी रहने देते हैं तथा लाल प्रोब को 10KΩ के प्लग में
लगाते हैं लाल प्रोब को 10KΩ के प्लग में दबाकर
लगाना चाहिये क्योंकि मीटर के अन्दर 10KΩ की रेन्ज में
एक आन्तरिक लॉक होता है यदि प्रोब को ठीक प्रकार से
दबाकर नही लगाया जायेगा तो लॉक की स्थिति में बदलाव न
आने के कारण 10KΩ की रेन्ज में भी 1MΩ का पाठयांक
प्राप्त होगा लाल प्रोब को दबाकर लॉक की स्थिति बदल
जाती है तथा जो पाठयांक आता है, वह 10KΩ की रेन्ज का
ही होता है
एक आन्तरिक लॉक होता है यदि प्रोब को ठीक प्रकार से
दबाकर नही लगाया जायेगा तो लॉक की स्थिति में बदलाव न
आने के कारण 10KΩ की रेन्ज में भी 1MΩ का पाठयांक
प्राप्त होगा लाल प्रोब को दबाकर लॉक की स्थिति बदल
जाती है तथा जो पाठयांक आता है, वह 10KΩ की रेन्ज का
ही होता है
10KΩ की रेन्ज में किसी अवरोध का मान ज्ञात करते समय
डायल पर 1MΩ के स्केल के नीचे वाला स्केल काम में लेते
हैं इस स्केल को भी दांयी ओर से बांयी ओर ही पढते हैं
इस रेन्ज में मान ज्ञात करने से पहले मीटर की सुई को दांयी
ओर की शुन्य पर एडजेस्ट कर लेना चाहिए इसकी विधि
1MΩ की रेन्ज में शुन्य पर एडजेस्ट करने की विधि की तरह ही है
100KΩ और 1MΩ की रेन्ज में मीटर के स्केल पर प्रति छोटे खाने का मान निम्न सारणी के अनुसार होता है
10 किलो
ओह्य
की
रेन्ज
1 मेगा ओहा की रेन्ज स्केल
क्र.स. स्केल प्रति
खाने
स्केल
प्रति
खाने
का
मान का
मान
1 0 से 70 ओह्य तक 2 ओह्मस 0 से 70 ओह्य तक 200ओह्मस
2 70 से 100 ओह्य
तक
5
ओह्मस 7 से 10 किलो ओहा तक 500 ओहा
3 100 से 200 ओह तक 10 ओहास 10 से 20 किलो ओह तक 1 किलोओहा
4 200 से 400 ओह तक 20 ओह्मस 20 से 40 किलो ओह तक 2 किलोओहा
5 400 से 500 ओहा
तक 50ओझस 40
से 50 किलो
ओह
तक 5 किलोओहा
6 500 से 1 किलो ओह्य तक 100 ओहास 50 से 100 किलो ओह तक 10 किलोओह्य
7 1 से 5 किलो
ओहा
तक 1 किलोओहा 100
से 500 किलो
ओहा
तक
100किलोओहा
8 5 से 10किलो
ओह
तक 5किलोओह 500किलोओझ से 1 मेगाओ 500किलोओहा
मल्टीमीटर सान्वा P-3 करेन्ट नापना
मल्टीमीटर सान्वा P-3 से जब
करेन्ट नापते हैं तो उसे
इस मल्टीमीटर में करेन्ट नापने के लिए तीन रेन्ज दी गई है ये रेन्ज क्रमश: 250 मिली एम्पीयर, 10 मिली
एम्पीयर तथा 0.25 मिली एम्पीयर या 250 माइक्रो
एम्पीयर की है इस मीटर में करेन्ट नापने की सबसे बडी रेन्ज 250 मिली एम्पीयर की रेन्ज है तथा सबसे छोटी रेन्ज 0.25 मिली एम्पीयर या 250 माइक्रो
एम्पीयर की रेन्ज है
250
mA की रेन्ज में करेन्ट
नापते समय D.C.V
&A. स्केल का 0 से 250 वाला स्केल काम में लेते हैं इस स्केल मैं एक
खाने का मान 5 मिली एम्पीयर (mA) होता है न एक छोट खान का मान 5 मिला एम्पायर (mA) हाता हा
करेन्ट नापने की दूसरी रेन्ज 10 मिली एम्पीयर (mA) की रेन्ज है इस रेन्ज में
करेन्ट नापते समय D.C..V &A स्केल का 0 से 10 वाला स्केल काम में लेते हैं इस स्केल में एक छोटे खाने का मान 0.2mA या 200 माइक्रो एमपीयर होता है
करेन्ट
नापने की तीसरी और सबसे छोटी रेन्ज 0.25 मिली एम्पीयर (mA)
या 250 माइक्रो एम्पायर (uA) का रेन्ज है इस रेन्ज में करेन्ट नापने के
लिए D.C.V.&
A. स्केल का 0 से 250 वाला स्केल काम में लेते हैं तथा यह मान माइक्रो एम्पीयर में पढ़ते हैं इस
स्केल में एक छोटे खाने का मान 5 माइक्रो एम्पीयर होता है
मल्टीमीटर सान्वा P-3 से D.C. वोल्ट नापना
AC
या DC वोल्ट (विद्युत विभवान्तर) नापने के लिए
मल्टीमीटर को सर्किट में लोड के पैरेलल में लगाते हैं जैसाकि चित्र में दिखाया
गया है
![]() |
D.C. वोल्टेज नापना |
इस
मल्टीमीटर में DC
वोल्ट नापने के लिए कुल
चार रेन्ज दी गई है ये रेन्ज क्रमशः 10V, 50v, 250V, और 1000V की रेन्ज होती है
10V
DC रेन्ज में वोल्ट नापते
समय D.C.V.
&A. स्केल का 0 से 10 वाला स्केल काम में लेते हैं इस स्केल में एक छोटे खाने का मान 0.2V या 200 मिली वोल्ट होता है
50V
DC रेन्ज में वोल्ट नापते
समय D.C.V.
&A. स्केल का 0 से 50 वाला स्केल काम में लेते हैं इस स्केल में एक छोटे खाने का मान 1V होता है
.
250V DC रेन्ज में वोल्ट नापते
समय D.C.V.
& A. स्केल का 0 से 250 वाला स्केल काम में लेते हैं इस स्केल में एक छोटे खाने का मान 5 वोल्ट होता है
1000V
DC रेन्ज में वोल्ट नापते
समय D.C.V.
&A. स्केल का 0 से 10 वाला स्केल काम में लेते हैं तथा इस रेन्ज में जो पाठयांक आता है, उसे 100 से गुणा करके 1000V
DC रेन्ज प्राप्त करते
हैं इस रेन्ज के लिए दूसरी विधि भी प्रयोग की जाती है इसमे D.C.V. & A स्केल का 0 से 10
वाला स्केल काम में
लेते हैं,
तथा यहाँ 2 को 200, 4 को 400,
6 को 600, 8 को 800 और 10
को 1000 मानते है इस स्थिति में, इस रेन्ज के लिए एक छोटे खाने का मान 20V होता है
मल्टीमीटर सान्वा P-3 से मिली वोल्ट नापना
मल्टीमीटर
सान्वा P-3
से मिली वोल्ट भी नापे
जा सकते हैं जैसाकि पहले बताया जा चुका है कि इस मल्टीमीटर में करेन्ट नापने की
तीन रेन्ज क्रमशः 250
मिली एम्पीयर, 10 मिली एम्पीयर तथा 0.25 मिली एम्पीयर की रेज होती है इन रेन्जों में
करेन्ट नापने के लिए मल्टीमीटर को लोड के सीरीज मे लगाते हैं यदि 0.25 मिली एम्पीयर की रेन्ज में, मीटर को लोड के पैरेलल में लगा दें तो प्राप्त
होने वाला पाठ्यांक (Reading)
वोल्ट
(विभवान्तर)
होगा इस प्रकार हम इस मल्टीमीटर से 250 मिली वोल्ट तक का विभवान्तर भी नाप सकते हैं इस स्थिति में, इस रेन्ज के लिए एक छोटे खाने का मान 5 मिली वोल्ट होगा
मल्टीमीटर सान्वा P-3 से AC वोल्ट नापना
मल्टीमीटर
सान्वा P-3
में AC वोल्ट नापने की कुल पाँच रेन्ज होती है ये
रेन्ज क्रमश: 100,
500, 2500, 500V तथा 1000V की रेन्ज है इनमें से 10V, 50v, 250V तथा 1000V की रेन्ज को काम में लेने का तरीका वही है जो DC वोल्ट की रेन्ज का है केवल 10v की रेन्ज में AC नापने के लिए D.C.V &A स्केल के ऊपर वाला स्केल . पढते है इस स्केल
के दांयी और AC10v
लिखा हुआ है
AC
500V की रेन्ज में वोल्ट
नापने के लिए D.C.V.
&A स्केल का 0 से 50 वाला स्केल काम में लेते हैं तथा जो पाठयांक (Reading) आता है, उसे 10
से गुणा करके 500VAC की रेन्ज का पाठयांक प्राप्त करते हैं इस
रेन्ज के लिए D.C.V
&A स्केल के 0 से 50 वाले स्केल 10
को 100, 20 को 200, 30 को 300, 40 को 400 तथा 50
को 500 पढ़कर भी काम में लेते हैं इस स्थिति में एक
छोटे खाने का मान 10V
होगा
मल्टीमीटर
सान्वा P-3
से केपेसीटर का मान
ज्ञात करना
मल्टीमीटर
सान्वा P-3
के द्वारा कम मान के
केपेसीटर का मान ज्ञात किया जा सकता है केपेसीटर एक ऐसा पुर्जा है, जो विद्युत को एकत्रित करके पुनः दे सकता है केपेसीटर के मान को नापने की इकाई "फैराड"
है "फैराड" की छोटी इकाईयाँ क्रमशः पिको फैराड, किलो पिको फैराड,
माइक्रो फैराड तथा किलो
माइक्रो फैराड होती है पिको फैराड, केपेसीटर नापने की सबसे छोटी इकाई होती है मल्टीमीटर सान्वा P-3 के द्वारा 0.0001 माइक्रो फैराड से 0.6 माइक्रो फैराड तक मान के केपेसीटर्स का मान
ज्ञात किया जा सकता है इसके लिए इस मल्टीमीटर में दो स्केल दिये हुए है, जिन्हें क्रमशः AC250V तथा AC 10V की रेन्ज में काम में लिया जाता है इन्हें प्रयोग में लाने की विधि निम्न
प्रकार होती है
![]() |
कैपेसिटी चेक कैसे करें |
1. ON A.C. 250v रेन्ज
चित्र के अनुसार
केपेसीटर को 250V
AC रेन्ज की सीरीज में
लगाकर 250V
AC सप्लाई देने पर उस
केपेसीटर का मान ज्ञात किया जा सकता है इसके लिए मीटर के स्केल में 0 से 0.3 माइक्रो फैराड तक का स्केल दिया गया है यहाँ AC की दो फ्रीक्वेन्सियों 50C/S तथा 60C/S के लिए दो अलग-२ स्केल दिये गये है
2. ON AC 10v रेन्ज
मल्टीमीटर
सान्वा P-3
में 0 से 0.6 माइक्रो फैराड तक के केपेसीटर्स का मान ज्ञात कने के लिए एक स्केल दिया
गया है इसके लिए केपेसीटर को 10V AC रेन्ज की सीरीज में लगाकर 10V AC देते हैं
नोटः
इन दोनो ही विधियों से केपेसीटर का मान ज्ञात करने के लिए जरूरी है कि AC वोल्टेज सही 2500 तथा 10V होनी चाहिये इसके अलावा इस AC की फ्रीक्वेन्सी 50C/S
या 60C/S होनी चाहियें अन्यथा सही मान प्राप्त नहीं होग
मल्टीमीटर सान्वा P-3 से 1 मेगा ओझ से अधिक मान की रेजिस्टेन्स का मान झात करना
मल्टीमीटर
सान्वा P-3
में 1 मेगा ओह्य से अधिक मान की रेजिस्टेन्स का मान
ज्ञात करने के लिए एक स्केल दिया गया है, जिसे 250V
DC की रेन्ज में एक डायोड BY127 के साथ चित्र के अनुसार प्रयोग किया जाता है इसके लिए यह आवश्यक है कि दी
गई
सप्लाई सही 250V
की हो वरना रेजिस्टेन्स
का मान सड़ी प्राप्त नहीं होगा इस स्केल को दांयी और से बांगी ओर पढ़ते हैं
![]() |
डायोड चेक कैसे करें |
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