1.
रजिस्टर का मान
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रजिस्टर का चिन्ह |
रजिस्टर का मान Ω आह्म में होता है जो उसकी
बाॅडी पर लिखा रहता है या बाॅडी पर पड़ी भिन्न-
भिन्न रंग की धारियों को देखकर कलर कोड दार
ज्ञान कर सकते हैं.
टालरेन्स - किसी भी रजिस्टर का टालरेन्स उस
रजिस्टर के अधिकतम और न्यूनतम मान के अन्तर
को प्रतिशत मे दर्शाता हैं प्रायः कार्बन रजिस्टर कि
चौथी या पांचवी धारी का रंग उसकी टालरेन्स दर्शाता
हैं यदि कार्बन रजिस्टर पर चौथी धारी नाही हैं तो
उसकि टालरेन्स 20%होगी.
वाटेज - वाटेज की इकाई वाट होती है जिसे (W) व्दारा
दर्शाते हैं वाटेज किसी भी रजिस्टर कि वैल्यू के
अतिरिक्त उसकी महत्वपूर्ण रेटिंग हैं रजिस्टर जितने
अधिक वाट कि होगी वह उतना ही अधिक करेन्ट
सह सकती हैं
रजिस्टर काम.
प्रतिरोधक (resistor) दो सिरों वाला वैद्युत
अवयव है जिसके सिरों के बीच विभवान्तर
उससे
बहने वाली तात्कालिक धारा के समानुपाती (या
लगभग समानुपाती) होता है। ये विभिन्न आकार-
प्रकार के होते हैं। इनसे होकर धारा बहने पर
इनके अन्दर उष्मा उत्पन्न होती है।
कुछ प्रतिरोधक ओम के नियम का पालन करते
हैं
1000 Ω = किलो Ω(KΩ)
1000 किलो Ω =1 मैगΩ (MΩ)
अंत 1 मैग Ω = 10,00 000 Ω
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रजिस्टर का कार्य और वैल्यू resistor information,commons.wikimedia.org |
1) रजिस्टर की पहली धारी का कलर
कोड भी काला, गोल्डन या सिल्वर
नही होता हैं.
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resistor information |
2)दूसर कलर यदि काला हैं तो उसक
मान एक शून्य (0)होगा. भूरा (1) काला (0). लाल (00)
भूरा.
काला.
लाल
1 0
00
=1000
= 1 k ᘯ %10
3)यदि तीसरा कलर काला है तो उसका कोई मान नहीं प्रयोग होगा.
लाल (2) लाल (2) काला (-)
लाल
लाल काला
2 2
-
= 22 ᘯ %10
4) यदि तीसरा कलर गोल्डन हैं तों
पहले दोनों कलर के मान में 10का भाग या 0.1का गुणा कर दे
भूरा (1)
काला (0)
गोल्डन (-:- 10)
भूरा
काला
गोल्डन
1 0
÷ 10
10 ÷ 10 = 1ohm
5) यदि किसी रजिस्टर के मान मे तीन या अधिक शून्य है तो उसके
तीन शून्य हटाने पर प्राप्त मान किलो ओह्य मे प्राप्त होगा
. पीला (4). बैगनी (7) पील (0000)
पीला . बैगनी
पील
4 7
0000
= 470000 ᘯ
= 470000 ÷1000
= 470 K ᘯ %10
6) यदि किसी रजिस्टर के मान मे केवल दो शून्य हटा देने के
पश्चात् पहले दोनों अंको के बीच में दशमलव point लगा दे
लाल (2) बैगनी (7) लाल(00)
लाल बैगनी लाल
2 7
00
= 2700 ᘯ
=2700ᘯ ÷
1000
= 2.7 K ᘯ %10
7) यदि रजिस्टर मे कुल पांच रंग है तो उसमें प्राय तीसरा कलर
काला होता है जिसका मान 0 होता है पांच कलर की रजिस्टर में पहले चार कलर से रजिस्टर का मान ज्ञात करते हैं पांचवा कलर रजिस्टर का टालरेन्स दर्शाता है
लाल (2) लाल(2) काला (0) लाल (00) नारंगी (%3)
टालरेन्स
काला
± 2%
बैंगनी ±12.5%
भूरा ± 1 %
सलेटी ±30%
नीला ±
6 %
सफेद ±10%
लाल ±
2%
गोल्डन ±5%
नारंगी ± 3%
सिल्वर ±10%
पीला ±- % कोई कलर नहीं ±20 %
हरा ±5%
लाल लाल काला
लाल नारंगी
2 2
0 00 %3
= 22000 ᘯ
= 22 K ᘯ %3
8)यदि मान में छ शून्य है तो मान के छ शून्य हटा देने पर ओह्य
(M) मे प्राप्त होगा
भूर(1) काला (0) हरा (00000)
भूर काला हरा
1 0 00000
=1000000 ᘯ
=1000000 ÷ 1000 = 1000 K
= 1 M ᘯ %10
9) यदि किसी रजिस्टर पर (छ) कलर्स दिये है तो पहले तीन कलर्स
का मान वैसे का वैसा लिखते हैं चौथ कलर के मान के बराबर शुन्य लगाते हैं पांचवा कलर टोलरेन्सी बताता है तथा छठा कलर वाटेज शक्ति बताता है छठे कलर का मान प्रकार
भूरा =1.वाँट, लाल =2वाँट, नारंगी =3.वाँट,
पील =4. वाँट , हरा =5 वाँट, नीला =6. वाँट ,
बैगनी =7. वाँट., सलेटी8=.वाँट, सफेद 9=वाँट,
टालरेन्स
काला
± 2%
बैंगनी ±12.5%
भूरा ± 1 %
सलेटी ±30%
नीला ±
6 %
सफेद ±10%
लाल ±
2%
गोल्डन ±5%
नारंगी ± 3%
सिल्वर ±10%
पीला ±- %
कोई कलर नहीं ±20 %
हरा ±5%
भूरा (1) लाल (2) नारंग(3) पील (0000) सिल्वर (%10) लाल (2W)
भूरा लाल नारंग पील सिल्वर लाल
1 2
3 0000 %10 2 W
=1230000 ᘯ %10 2 W
= 1230 K %10 2W
= 1.23 M ᘯ % 10 2W
10)चार कलर की रजिस्टर मे पहले दो कलर का मान वैसे का वैसा लिखते है
तीसरा कलर जितने नम्बर का होता है उतनी ही शून्य लगाते है इस प्रकार प्राप्त होने
वाली संख्या उस रजिस्टर का ओह्य मे मान होता हैं चौथा कलर उस रजिस्टर की टोलरेन्सी
बताता है यह गोल्डन होने पर %5 सिल्वर होने पर %10होती हैं लेकिन यदि इन दोनों कलर मे से कोई भी कलर नहीं दिया हुआ है तो
रजिस्टर कि टोलरेन्सी %20 होती है
1. भूर (1) काला(0) भूरा (1) सिल्वर (%10)
भूर काला भूरा
सिल्वर
1
0 0 %10
= 100 ᘯ %10
विशेषत; रजिस्टर के दो प्रकार होते हैं
(1) फिक्सिंग रजिस्टर -
(Fixing register)
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resistor symbol |
(2) परिवर्तनशील रजिस्टर - (Variable register)
फिक्सिंग रजिस्टर
इसका मान निश्चित होता है जिसको कम-अधिक नहीं किया जा सकता
इसका मान या तो इसके ऊपर अंकित रहता है या इस पर अंकित कलर कोड व्दार ज्ञात कर
सकते हैं. उदाहरण
कार्बन रजिस्टर, वायर वाउण्ड रजिस्टर, एस एम डी रजिस्टर
परिवर्तनशील रजिस्टर
इनका मान आवश्यकतानुसार
0 ओह्म से लेकर इन पर अंकित मान तक परिवर्तनशील किया जा सकता
है उदाहरण वाल्यूम कन्ट्रोल, प्रीस्ट, पोटेन्शियोमीटर
वायर वाउण्ड
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वायर वाउण्ड |
वायर वाउण्ड रजिस्टर के निर्माण में अधिकांशतः नाइक्रोम
वायर को पोर्सलीन की
बेलनाकार खोखली नली पर लपेट कर बनाया जाता है सुरक्षा कि
दुष्टि से इनकी
रजिस्टर में कार्बन रजिस्टर की अपेक्षा अधिक करेन्ट बह सकती है
अधिकांशत रुप मे वायर वाउण्ड रजिस्टर 1ओह्य से लेकर 10 मेग ओह्य के
मान की प्रयोग मे आती है और ये 0.5W से लेकर कई सौ वाट तक होती है
वाल्यूम कन्ट्रोल
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वाल्यूम कन्ट्रोल |
वाल्यूम कन्ट्रोल ओन ऑफ स्विच सहित वाले वाल्यूम कन्ट्रोल मे लगी शाफ्ट के घुमाने पर रजिस्टर
मान परिवर्तिन होता है
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volume control,commons.wikimedia.org |
ये कन्ट्रोल साधारण 3 टेग कन्ट्रोल की तरह ही कार्य करते हैं लेकिन
इनमें कन्ट्रोल के साथ ऑन ऑफ स्विच भी लगा होता है सिर A व B
ऑन ऑफ स्विच के सिर है इसका प्रयोग सर्किट में धारा को चालू
और बन्द करने के लिए किया जाता है इस प्रकार के कन्ट्रोल प्राय
आवाज को कम ज्यादा करने के लिए प्रयोग किये जाते हैं प्रारम्भिक
स्थिति में जैसे ही स्विच को ऑन करते हैं वैसे ही उपकरण को सप्लाई
मिलने लगती है अब जैसे - 2 कन्ट्रोल को घुमाते है वैसे - 2 आवाज
की तीव्रता बढती जाती है
प्रीसैट
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प्रीसैट |
प्रीसैट
कन्ट्रोल ऐसे कन्ट्रोल हैं जिनमें मान बदलने के लिए
शॉफ्ट या स्लाइडिग नोब नहीं होती इनके मान को एक छोटे
पेचकस एलाइनर के व्दारा घुमाकर बदला जाता है प्रीसैट
कन्ट्रोल प्रिन्टेड बोर्ड PCB के ऊपर ही लगाये जाते हैं इनके
मान को बार-2 बदलना नहीं पड़ता उपकरण की ट्यूनिंग करते
समय इन्हें आवश्यकता नुसार एडजेस्ट कर दिया जाता है तथा
इन्हें दुबारा उसी स्थिति में घुमाया जाता है जब उस उपकरण
को री-ट्यून करना हो या सेट में अन्य कोई खराबी आ गई हो
आजकल कुछ प्रीसैट कन्ट्रोल ऐसे भी आ गये है जिनमें शॉफ्ट
लगी होती हैं इस प्रकार के प्रीसैट को ऐसे सर्किट के साथ
प्रयोग किया जाता है जिनकी वोल्टेज करेन्ट या फ्रीक्वेंसी को
अधिक बार एडजेस्ट करने आवश्यकता होती है
एल. डी आर (Light DependentResistance)
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LDR |
एल डी आर फोटो सेन्सिटिव पदार्थ जैसे कैडमियम सेलेनाइड लाइट
प्डिपेन्डैन्ट रजिस्टर L. D. R.
कहते इस पर हल्का सा भी प्रकार पडते ही इसके इलैक्ट्रिक गतिशील हो
जाने से इसका रजिस्टर
बहुत कम हो जाता है क्योंकि इसमें प्रयुक्त कैडमियम सल्फाइड इत्यादि
पदार्थ इस प्रकार के होते हैं
इनमें अन्धेरे में इलैक्ट्रिक नहीं चल पाते इसीलिये अन्धेरे मे इनका रजिस्टर
अधिक होता है स्ट्रीट लाइट
फोटोग्राफी इलैक्ट्रिक हाँबी सर्किट्स इत्यादि मे इनका प्रयोग देखा जा
सकता है यह अनेक साइज
वैल्यू वोल्टेज मे आते हैं प्राय 13.5MM से
5MM साइज 0.5K से 60K मान 300V.DC पर कार्य करने
वाले LDR प्रयोग होते हैं
वी डी आर( Voltage
DependentResistance)
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VDR |
वि डी आर रजिस्टर इनके सिरों पर दी गई वोल्टेज पर
निर्भर करती है वोल्टेज अधिक होने पर इसका रजिस्टर
अधिक हो जाता है इसका मान इस अंकित कलर कोड
व्दारा ज्ञान करते हैं इसका मान ओह्य वैल्यू मे न
होकर वोल्टेज मे होता है
थर्मिस्टर (Thermistor) इस प्रकार के रजिस्टर का
मान तापक्रम के अनुसार परिवर्तित होता है ये दो
प्रकार के होते हैं
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PTC |
P. T. C. पोजेटिव टैम्प्रेचर को एफिशिएन्ट इनका रजिस्टर
तापक्रम के साथ साथ बढता है इन्हें ब्लास्ट रजिस्टर भी
कहते हैं
थर्मिस्टर |
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NCT |
N.T.C. प्राय तापक्रम के बढ़ने के साथ साथ धातुओं का
रजिस्टर भी अधिक हो जाता है परन्तु कार्बन एक ऐसा पदार्थ हैं
जिसमें यह गुण विपरीत होता है अर्थात तापक्रम बढ़ाने पर
इसका मान कम हो जाता है इनको थर्मिस्टर भी कहा जाता
है थर्मिस्टर पर पढी रंग कि बिन्दियो को देखकर उसका मान
ज्ञात करते हैं यदि किसी थर्मिस्टर पर भूर लाल भूर रंग की
बिन्दी पढीं हैं तो उसका मान 120आह्य
होगा
रेजिस्टर चार्ट वैल्यू
https://technicalproblemindia.blogspot.com/2019/07/resistor-chart-value.html
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