Eectronic ic 4017 project इलेक्ट्रॉनिक आईसी 4017 प्रोजेक्ट कार्य - technicalproblem(india)

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शनिवार, 16 जनवरी 2021

Eectronic ic 4017 project इलेक्ट्रॉनिक आईसी 4017 प्रोजेक्ट कार्य

 

Electronic ic 4017 project

इलेक्ट्रॉनिक आईसी 4017 प्रोजेक्ट कार्य

Eectronic ic 4017 project
Eectronic ic 4017 project

Touch Type Electronic Game ic 4017 project hindi

टच टाइप इलेक्ट्रॉनिक गेम ic 4017 प्रोजेक्ट कार्य




बच्चों के गेम में लूडो आदि में अंकों के लिए एक गोटी का

 

प्रयोग किया जाता है। यहां एक इलैक्ट्रॉनिक गोटी का

 

प्रोजेक्ट दिया जा रहा है। इस सर्किट में लगी टच प्लेट को

 

अंगुली से टच करने पर सभी LEDs ऑन हो जाती हैं और

 

अंगुली हटाने पर कोई भी एक LED ग्लो रह जाती है, बाकी

 

सभी LEDs ऑफ हो जाती है। इन LEDs के ऊपर 1 से 6

 

तक अंकों की लिखी प्लेट लगायी जाती है, जो LED ग्लो रह

 

जाती है, वह अंक डिस्प्ले होता है।

 

इस सरल सर्किट में काउन्टर IC CD 4017 का प्रयोग किया

 

गया है। इस IC की पिन नं. 16 पर 37 से 120 दिए. गये हैं।

 

आउटपट पिनों पर LEDs लगाई गई हैं। इस IC की क्लॉक

 

इनपुट पिन नं. 14 पर 50 पैसे के सिक्के के बराबर सादज

 

की गोल मेटेलिक टच प्लेट लगाई गई है। सप्लाई पिनों पर

 

सप्लाई देने के बाद जैसे ही टच प्लेट को वन किया जाता है

 

वैसे ही सभी LEDs ऑन हो जाती हैं, टच प्लेट से अंगुली

 

हटाते ही केवल कोई एक LED ऑन रह जाती है तथा शेष

 

LEDऑफ हो जाती हैं।

Touch Type Electronic Game ic 4017 project
Touch Type Electronic Game ic 4017 project











Flashing display board led ic 4017 project 

फ्लेशिंग डिस्प्ले बोर्ड  LED ic 4017 प्रोजेक्ट कार्य


इस सर्किट में प्रत्येक लाइन में 20 LEDs का प्रयोग किया जा

 

सकता है। ये लाइनें क्रमानुसार ग्लो होती हैं। इन्हें किसी अक्षर

 

या किसी अन्य विशेष आकार में डिजाइन बनाया जा सकता

 

है। यह सर्किट +9v की सप्लाई से कार्य करता है।

 

इस सर्किट में दो ICs का प्रयोग किया गया है। IC 555 से

 

क्लॉक पल्स प्राप्त करने के लिए इस एस्टेबल मल्टीवाइब्रेटर

 

के रूप में प्रयोग किया गया है। ये क्लॉक पल्सेस 1C 555

 

की पिन नं. 3 से होकर काउन्टर IC CD

 

 4017 की क्लॉक इनपुट पिन नं. 14 पर जाती है। इन क्लॉक

 

पल्सेस की दर को IC 555 की पिन . 7 पर लगे - प्री-सेट

 

कन्ट्रोल से कन्ट्रोल किया जाता है।

 

 जब स्विच को ऑन किया जाता है तो काउन्टर IC CD 4017

 

का आउटपुट Q0 पिन नं. 3 हाई हो जाती है और इससे लगी

 

LEDs ग्लो हो जाती है। इसके बाद IC 555 की पिन नं. 3 से

 

IC CD 4017 की पिन नं 14 पर पहली क्लॉक पल्स मिलने

 

पर काउन्टर IC CD 4017 का आउटपुट Q1 पिन नं. 2 हाई

 

हो जाती है तथा शेष सभी आउटपुट लो रखते हैं। इससे इस

 

IC की पिन नं. 3 से लगी.LEDs ग्लो हो जाती है तथा पिन नं.

 

2Qपिन .4 हाई हो जाती है जिससे इस पिन पर लगी

 

LEDs ग्लो हो जाती है तथा पिन नं. 2 से लगी LEDs ऑफ

 

हो जाती है। इसी प्रकार क्लॉक पल्स पर Q3 पिन नं.7 तथा

 

चौथी क्लॉक पल्स पर 04 पिन नं. 10 हाई होती है। जिससे

 

इनसे सम्बन्धित LEDs ऑन हो जाती हैं। IC CD 4017 की

 

पिन नं.1 Q5 को पिन नं. 15 (Re-Set Pin) से जोड़ा गया

 

है। अतः Q4 के हाई होने के बाद अगली क्लॉक पल्स पर

 

वापस Q0 हाई हो जाती है और इसके बाद पुनः यही चक्र


चलता रहता

Flashing display board led ic 4017 project
Flashing display board led ic 4017 project











Two color LED pendulum ic 4017 project

दो कलर वाला LED पेन्डुलम ic 4017 प्रोजेक्ट कार्य




इस प्रोजेक्ट को दीवार घड़ी के साथ सजावट के लिए प्रयोग

 

किया जाता है। इस सर्किट में लगी बाई कलर LED एक

 

कलर में ग्लो होती हुई एक सिरे से दसरे सिरे तक जाती है

 

तथा दूसरे कलर में ग्लो होते हुए वापस आती है।

 

- इस सर्किट में टाइमर IC 555 को एस्टेबल मल्टीवाइब्रेटर

 

के रूप में प्रयोग किया गया है। इससे मिलने वाली क्लॉक

 

पल्स काउण्टर IC CD 4017 की पिन नं 14 को दी जाती है।

 

ic555 की पिन नं 6/7 के बीच लगा पी-सैट 100K क्लॉक

 

पल्स की दर अर्थात LED के जलने-बझने की दर को कन्ट्रोल

 

किया जाता है। काउण्टर IC CD 4017 सक्रमानुसार 10

 

आउटपुट मिलते हैं। ये दस आउटपट क्रमशः पिन नं. 3100)

 

पिन नं. 2002), पिन नं. 4 (Q3. पिन नं. 10 (Q4), पिन नं. 1

 

(Q5), पिन नं. 5 (Q6). पिन नं. 6(Q7), पिन नं. 9 (Q8) तथा

 

पिन नं. 11 (Q9) है।जब ऑन / ऑफ स्विच को ऑन किया जाता है तो 00

 

आउटपुट हाई हो जाती है। यह हाई आउटपुट LED-1 A

 

सिर पर दिया गया है, जिससे यह LED एक कलर में ग्लो हो

 

जाती है। इसके बाद जब इस IC 4017 की क्लॉक इनपुट

 

पिन नं. 14 पर पहली क्लॉक पल्स प्राप्त होती है तो इस IC

 

का आउटपुट Q1 पिन नं 2 हाई हो जाती है तथा Q0 लो हो

 

जाती है। इससे LED-1A ऑफ हो जाती है तथा LED-2A

 

ग्लो हो जाती है। क्लॉक इनपुट पिन पर दूसरी क्लॉक पल्स

 

प्राप्त होने पर आउटपुट Q2 पिन नं. 4 हाई हो जाती है, इससे

 

LED-3A ग्लो होती है। क्लॉक इनपुट पिन पर तीसरी क्लॉक

 

पल्स प्राप्त होने पर आउटपुट Q 3 पिन नं. 7 हाई होती है।

 

इससे LED-4A ग्लो होती है। क्लॉक इनपुट पिन पर चौथी

 

क्लॉक पल्स प्राप्त होने पर आउटपुट Q4 पिन नं.10 हाई

 

होती है। इससे LED-5A ग्लो होती है। इसी प्रकार चार

 

क्लाक पल्स में LED के एक दिशा में चलने का क्रम पूर्ण

 

होता है, इस क्रम में यह ध्यान रखना चाहिए कि सभी LED

 

एक ही कलर का प्रकाश देने के क्रम में लगाई जायें।

 

इसके बाद 10 ,4017 की क्लॉक इनपुट पिन पर पाँचवीं

 

क्लॉक पल्स प्राप्त होने पर LED के वापसी क्रम प्रारम्भ होता

 

है तथा LED का कलर बदल जाता है। पाँचवीं क्लॉक पल्स

 

पर आउटयुट Q5 हाई होती है, जिससे LED-5B ग्लो होती

 

है। छठी क्लॉक पल्स पर आउटपुट Q6 हाई होता है, जिससे

 

LED-4 ग्लो होती है। सातवीं क्लॉक पल्स पर आउटपट 07

 

हाई होती है, जिससे LED-3B ग्लो होती है। आठवीं क्लॉक

 

पल्स पर आउटपुट Q8 हाई होती है, जिससे LED-28 ग्लो

 

होती है। नवीं क्लॉक पल्स पर आउटपुट Q9 हाई होती है,

 

जिससे LED-1 ग्लो होती है। इसी प्रकार प्रकार | ED के

 

वापसी का क्रम भी पूरा हो जाता हैं। इसके बाद अगली

 

क्लॉक पल्स आने पर पनः LED-1A ग्लो होगी और एक नया

 

सायकल प्रारम्भ हो जायेगा। यह क्रम लगातार चलता रहता

है।

Two color LED pendulum ic 4017 project
Two color LED pendulum ic 4017 project










3- Relay chaser socket ic 4017 project

 

३- रिले चेजर​  Socket ic 4017 प्रोजेक्ट कार्य




 यह प्रोजेक्ट एक ओर से दूसरी ओर दौडती लाइट का इफेक्ट 

देता है। इसे त्योहारों तथा शादी के अवसर पर


घर की सजावट के लिए प्रयोग किया जा सकता है। 1. इस सर्किट 



में दो 5551C का प्रयोग किया गया है। इस प्रोजेक्ट में इनका प्रयोग 


एस्टेबल मल्टीवाइब्रेटर के रूप में प्रयोग किया गया है। दूसरी 


ICCD4017 एक डिकेड काउण्टर है। IC 555, डिकेड काउण्टर 


ICCD4017 को लो फ्रीक्वेन्सी की क्लॉक पल्स देती है। ये क्लॉक 


पल्स IC 555 की पिन नं. 3 से IC CD4017 की पिन नं. 14 को दी 


जाती हैं। प्रत्येक पल्स पर इसकी अलग-अलग पिन से आउटपुट 


सिगनल मिलता है। IC CD4017 की पिन नं. 2, 3, 4 पर ट्रान्जिस्टर 


लगे हैं। इन ट्रान्जिस्टरों के बेस को सिगनल आने पर ये कंडक्ट हो 


जाते हैं। प्रत्येक ट्रान्जिस्टर के कलेक्टर एमीटर की सीरीज में रिले 


लगी है। जब कोई ट्रान्जिस्टर कंडक्ट होता है तो उससे सम्बन्धित 


रिले भी ऑन हो जाती हैं। प्रत्येक रिले के स्विचिंग सर्किट में 


आउटपुट सॉकेट लगाया जाता है। इन सॉकेट में बल्बों के पैरेलल 


संयोजन बनाकर लगाये जाते हैं। इस प्रोजेक्ट में तीनों संयोजन को


व्यवस्थित रूप से लगाना काफी महत्वपूर्ण होता है। इसके बाद 


सर्किट को ऑन करने पर बल्बों की रोशनी दौड़ती हुई दिखाई देती 


है। इस चेजर की गति को 1M के कन्ट्रोल से बदला जा सकता है।

3- Relay chaser socket ic 4017 project
3- Relay chaser socket ic 4017 project







 





Forward-Reverse running light chaser ic 4017 project


फॉरवर्ड-रिवर्स रनिग लाईट चेजर ic 4017 प्रोजेक्ट कार्य




 

इस सर्किट में लगी।लगा LED या बल्ब एक दिशा में जलते

 

हए चलने के बाद वापस जलते हुए पहली स्थिति में आते हैं।

 

 

टाइमर IC 555 से क्लॉक पल्स प्राप्त करने के लिए एस्टेबल

 

मल्टीवाइब्रेटर के रूप में प्रयोग किया

 

 

पलाक पल्स IC CD4017 की क्लॉक इनपट पिन नं 14 पर

 

आती है। क्लॉक पल्स की दर को IC 555 की पिन नं. 6 7

 

के बीच लगा एक कन्ट्रोलर कन्ट्रोल करता है। स्वि

 

 

पाच लगा एक कन्ट्रोलर कन्ट्रोल करता है। स्विच को ऑन

 

करने पर काउन्टर IC CD4017 का 20 पिन . 3 से हाई

 

सिगनल आउट होकर डायोड 1N4007 और रैजिस्टेन्स 363

 

से ट्रान्जिस्टर T1 (BC148) के

 

बस का बायसिंग मिलते ही ट्रान्जिस्टर कंडक्ट होता है,

 

जिससे रिले को वोल्टेज मिलने लगती हैं और वह आन हो

 

जाती है। क्लॉक इनपुट पर पहली क्लॉक पल्स आने पर

 

CD4017 का आउटपुट 01 पिन नं. 2 से हाई सिगनल

 

आउट होकर डायोड 1N4007 और रैजिस्टेन्स 363 से

 

ट्रान्जिस्टर T2 की बेस पर आता है, जिससे यह

 

ट्रान्जिस्टर ऑन होकर दूसरी रिले को ऑन करता है। अब

 

क्लॉक इनपुट पिन पर दूसरी क्लॉक पल्स आने पर आउटपुट

 

Q1• Q2 हाई सिगनल आउट होकर डायोड 1N4007 और

 

रैजिस्टेन्स 363 से ट्रान्जिस्टर T3 (BC148) के बेस पर आता

 

है. जिससे यह ट्रान्जिस्टर कंडक्ट होकर तीसरी रिले को ऑन

 

कर देता है। यहाँ यह ध्यान रखना चाहिए कि यहाँ एक समय

 

में एक ही आउटपुट हाई होता है तथा शेष सभी आउटपुट लो

 

रहते हैं। इसलिए एक समय में केवल एक ही रिले ऑन रहती

 

है। इस प्रकार पहली दो क्लॉक पल्सेस तक रिले के ऑन होने

 

का एक सायकल पूर्ण हो जाता है। अब तीसरी क्लॉक पल्स

 

पर IC CD4017 का आउटपुट Q3 पिन नं. 7 से हाई

 

सिगनल आउट होकर डायोड 1N4007 और रैजिस्टेन्स 3K3

 

से ट्रान्जिस्टर T3 (BC148) को ऑन करता है, जिससे इसके

 

कलेक्टर पर लगी रिले ऑन हो जाती है। यह इनका वापसी

 

का क्रम है। अगली क्लॉक पल्स पर आउटपुट Q4 पिन नं.

 

10 से हाई सिगनल आउट होकर डायोड 1N4007 और

 

रैजिस्टेन्स 3K3 से ट्रान्जिस्टर T2 को ऑन करता है जिससे

 

इसके कलेक्टर पर लगी रिले ऑन होती है।

 

 

इसके बाद अगली क्लॉक पल्स पर आउटपुट Q5 से हाई

 

सिगनल आउट होकर ट्रान्जिस्टर 11 के बेस पर आकर उसे

 

ऑन करके रिले को ऑन कराता है। इस प्रकार वापसी का

 

सायकल भी पूर्ण हो जाता है। इसके बाद अगली क्लॉक पल्स

 

पर 06 से हाई सिगनल आउट होकर IC CD4017 की री-

 

सैट पिन नं. 15 पर आता है। इससे आगे एक नया सायकल

 

Q0 से आरम्भ हो जाता है। इस प्रकार यह सायकल लगातार

 

चलता रहता है।नों के पोल (P) और (OIC) सिरों के बीच LED या बल्बों की

 

सीरीज लगाई जाती है। रिलों के प्रयोग से सर्किट की करन्ट

 

कैपेसिटी बढ जाने से अधिक LED या बल्बों का प्रयोग किया

 

जा सकता है




इस सर्किट में लगी।लगा LED या बल्ब एक दिशा में जलते

 

हए चलने के बाद वापस जलते हुए पहली स्थिति में आते हैं।

 

 

टाइमर IC 555 से क्लॉक पल्स प्राप्त करने के लिए एस्टेबल

 

मल्टीवाइब्रेटर के रूप में प्रयोग किया

 

 

पलाक पल्स IC CD4017 की क्लॉक इनपट पिन नं 14 पर

 

आती है। क्लॉक पल्स की दर को IC 555 की पिन नं. 6 7

 

के बीच लगा एक कन्ट्रोलर कन्ट्रोल करता है। स्वि

 

 

पाच लगा एक कन्ट्रोलर कन्ट्रोल करता है। स्विच को ऑन

 

करने पर काउन्टर IC CD4017 का 20 पिन . 3 से हाई

 

सिगनल आउट होकर डायोड 1N4007 और रैजिस्टेन्स 363

 

से ट्रान्जिस्टर T1 (BC148) के

 

बस का बायसिंग मिलते ही ट्रान्जिस्टर कंडक्ट होता है,

 

जिससे रिले को वोल्टेज मिलने लगती हैं और वह आन हो

 

जाती है। क्लॉक इनपुट पर पहली क्लॉक पल्स आने पर

 

CD4017 का आउटपुट 01 पिन नं. 2 से हाई सिगनल

 

आउट होकर डायोड 1N4007 और रैजिस्टेन्स 363 से

 

ट्रान्जिस्टर T2 की बेस पर आता है, जिससे यह

 

 

ट्रान्जिस्टर ऑन होकर दूसरी रिले को ऑन करता है। अब

 

क्लॉक इनपुट पिन पर दूसरी क्लॉक पल्स आने पर आउटपुट

 

Q1• Q2 हाई सिगनल आउट होकर डायोड 1N4007 और

 

रैजिस्टेन्स 363 से ट्रान्जिस्टर T3 (BC148) के बेस पर आता

 

है. जिससे यह ट्रान्जिस्टर कंडक्ट होकर तीसरी रिले को ऑन

 

कर देता है। यहाँ यह ध्यान रखना चाहिए कि यहाँ एक समय

 

में एक ही आउटपुट हाई होता है तथा शेष सभी आउटपुट लो

 

रहते हैं। इसलिए एक समय में केवल एक ही रिले ऑन रहती

 

है। इस प्रकार पहली दो क्लॉक पल्सेस तक रिले के ऑन होने

 

का एक सायकल पूर्ण हो जाता है। अब तीसरी क्लॉक पल्स

 

पर IC CD4017 का आउटपुट Q3 पिन नं. 7 से हाई

 

सिगनल आउट होकर डायोड 1N4007 और रैजिस्टेन्स 3K3

 

से ट्रान्जिस्टर T3 (BC148) को ऑन करता है, जिससे इसके

 

कलेक्टर पर लगी रिले ऑन हो जाती है। यह इनका वापसी

 

का क्रम है। अगली क्लॉक पल्स पर आउटपुट Q4 पिन नं.

 

10 से हाई सिगनल आउट होकर डायोड HIN4007 और

 

रैजिस्टेन्स 3K3 से ट्रान्जिस्टर T2 को ऑन करता है जिससे

 

इसके कलेक्टर पर लगी रिले ऑन होती है।

 

 

इसके बाद अगली क्लॉक पल्स पर आउटपुट Q5 से हाई

 

सिगनल आउट होकर ट्रान्जिस्टर 11 के बेस पर आकर उसे

 

ऑन करके रिले को ऑन कराता है। इस प्रकार वापसी का

 

सायकल भी पूर्ण हो जाता है। इसके बाद अगली क्लॉक पल्स

 

पर 06 से हाई सिगनल आउट होकर IC CD4017 की री-

 

सैट पिन नं. 15 पर आता है। इससे आगे एक नया सायकल

 

Q0 से आरम्भ हो जाता है। इस प्रकार यह सायकल लगातार

 

चलता रहता है।नों के पोल (P) और (OIC) सिरों के बीच LED या बल्बों की

 

सीरीज लगाई जाती है। रिलों के प्रयोग से सर्किट की करन्ट

 

कैपेसिटी बढ जाने से अधिक LED या बल्बों का प्रयोग किया


जा सकता है

  

Forward-Reverse running light chaser ic 4017 project
Forward-Reverse running light chaser ic 4017 project



 







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